लॉकडाउन के साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) प्रशासन के लिए भी चुनौती बढ़ गई है। एक तरफ ऑटा ने प्रस्ताव रखा है कि छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाए तो दूसरी ओर इविवि के परीक्षा नियंत्रक ने ऑटा के प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए परीक्षा कराने की तैयारी कर रखी है। परीक्षा समय से कराने के लिए इविवि प्रशासन इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त करने की योजना बना रहा है।
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कोराना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इलाहाबाद विश्वविद्यालय 21 मार्च से बंद चल रहा है। ऐसे में शिक्षक और छात्र-छात्राएं अघोषित रूप से छुट्टी पर चल रहे हैं। केवल वीसी दफ्तर और रजिस्ट्रार कार्यालय खुला हुआ है। इविवि प्रशासन की ओर से परीक्षा का कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है।
साथ ही यह आकलन भी किया जा रहा है कि लॉक डाउन के अगर तत्काल परीक्षा करानेे की स्थिति बनती है तो किस तरह जल्द से जल्द परीक्षा कराकर रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। इसके साथ ही वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश की जा रही है। इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जब तक लॉक डाउन लागू रहेगा, तब तक सभी शिक्षक और छात्र-छात्राएं छुट्टी पर रहेंगे।
अगर लॉकडाउन के बाद मई या जून में विश्वविद्यालय खुलने की स्थिति बनती है तो राष्ट्र हित में ग्रीष्मकालीन अवकाश को निरस्त किया जा सकता है और इस अवधि का सदुपयोग परीक्षा कराने में किया जा सकता है। फिलहाल अभी यही योजना है कि लॉक डाउन के बाद विश्वविद्यालय खुलने पर एक माह के भीतर स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं करा दी जाएं और इस दौरान सेमेस्टर कक्षाओं का नियमित संचालन कर पाठ्यक्रम पूरा करा लिया जाएगा।
वार्षिक परीक्षाएं पूरी होते ही सेमेस्टर परीक्षाएं करा ली जाएं। अगर सब कुछ योजना के मुुताबिक रहा तो सत्र को समय से शुरू किया जा सकता है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि उन्होंने इस बारे में कुलपति से बात कर ली है। जहां तक ऑटा के प्रस्ताव की बात है तो उन्हें आधिकारिक रूप से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और न ही वह किसी ऐसे प्रस्ताव से सहमत हैं।


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