सूरत में भी हंगामा
मंत्री बोले- लॉकडाउन बढ़ाने का नतीजा
लाठीचार्ज की मैं निंदा करता हूं। मुंबई के अधिकारियों ने संवेदनशीलता से काम नहीं लिया। हम उन लोगों के रहने-खाने का खर्चा उठाने को तैयार हैं। यह मुसीबत का समय निकल जाने दें। - ब्रजेश पाठक, कानून मंत्री, यूपी
सूरत में भी प्रवासी मजदूरों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। लोग सूरत के वारछा इलाके में इकट्ठा हो गए और उन्हें उनके घरों तक भिजवाने की मांग करने लगे। इन मजदूरों में ओडिशा, बिहार, यूपी और तमिलनाडु आदि राज्यों के लोग थे। सूरत में ये लोग टेक्सटाइल और एंब्रॉयडरी यूनिटों में काम करते हैं। लेकिन पहले 21 दिन और अब 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद इन्होंने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मजदूरों की संख्या 500 से ज्यादा थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेन चलने की अफवाह के बाद बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जुटी थी। बताया जा रहा है कि कई लोगों को एक मेसेज मिला था कि बांद्रा स्टेशन से ट्रेन चलने का मेसेज मिला था। इसी के बाद वहां भीड़ जमा होने लगी। देखते ही देखते सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह लॉकडाउन बढ़ाया गया, यह उसी का नतीजा था। लोग सोच रहे थे कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे अपने घरों को जाएंगे लेकिन पीएम के संबोधन के बाद वे निराश हो गए और उनका गुस्सा फूट पड़ा।
मंत्री बोले- लॉकडाउन बढ़ाने का नतीजा
लाठीचार्ज की मैं निंदा करता हूं। मुंबई के अधिकारियों ने संवेदनशीलता से काम नहीं लिया। हम उन लोगों के रहने-खाने का खर्चा उठाने को तैयार हैं। यह मुसीबत का समय निकल जाने दें। - ब्रजेश पाठक, कानून मंत्री, यूपी
सूरत में भी प्रवासी मजदूरों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। लोग सूरत के वारछा इलाके में इकट्ठा हो गए और उन्हें उनके घरों तक भिजवाने की मांग करने लगे। इन मजदूरों में ओडिशा, बिहार, यूपी और तमिलनाडु आदि राज्यों के लोग थे। सूरत में ये लोग टेक्सटाइल और एंब्रॉयडरी यूनिटों में काम करते हैं। लेकिन पहले 21 दिन और अब 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद इन्होंने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मजदूरों की संख्या 500 से ज्यादा थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेन चलने की अफवाह के बाद बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जुटी थी। बताया जा रहा है कि कई लोगों को एक मेसेज मिला था कि बांद्रा स्टेशन से ट्रेन चलने का मेसेज मिला था। इसी के बाद वहां भीड़ जमा होने लगी। देखते ही देखते सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह लॉकडाउन बढ़ाया गया, यह उसी का नतीजा था। लोग सोच रहे थे कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे अपने घरों को जाएंगे लेकिन पीएम के संबोधन के बाद वे निराश हो गए और उनका गुस्सा फूट पड़ा।
लॉकडाउन का मतलब लॉक अप नहीं: उद्धव
बांद्रा में उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़ पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन का मतलब लॉक अप नहीं है। बाहरी राज्यों के जो भी मजदूर महाराष्ट्र में हैं, निश्चिंत और निर्भीक होकर रहें। डरने की कोई बात नहीं है। हम पूरा ध्यान रख रहे हैं।• मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा इलाके में मंगलवार को हजारों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। बताया गया कि ये लोग घर वापस जाने की मांग कर रहे हैं और भोजन की समस्या को कारण बता रहे हैं। इस भयावह घटना के बाद महाराष्ट्र प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेन चलने की अफवाह के बाद बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जुटी थी।
ऐसे समय में जबकि सोशल डिस्टैंसिंग की बात की जा रही है, हजारों लोगों का एक जगह इकट्ठा होना डराने वाली घटना है। कहा जा रहा है कि भीड़ के रूप में जुटे ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगार हैं। ये लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें यहां खाने-पीने की समस्या हो रही है इसलिए ये अपने घर जाना चाहते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। बताया जा रहा है कि लोगों में अनिश्चितता है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा ऐसे में लोग घबरा गए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां हजारों की संख्या में मरीज सामने आए हैं। वहीं 200 से ज्यादा लोगों की इस खतरनाक महामारी से मौत हो चुकी है।
सियासत भी शुरू : इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। आदित्य ने ट्वीट कर कहा कि बांद्रा में इकट्ठा हुए लोग अब चले गए हैं, लेकिन यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी।
बांद्रा में उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़ पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन का मतलब लॉक अप नहीं है। बाहरी राज्यों के जो भी मजदूर महाराष्ट्र में हैं, निश्चिंत और निर्भीक होकर रहें। डरने की कोई बात नहीं है। हम पूरा ध्यान रख रहे हैं।• मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा इलाके में मंगलवार को हजारों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। बताया गया कि ये लोग घर वापस जाने की मांग कर रहे हैं और भोजन की समस्या को कारण बता रहे हैं। इस भयावह घटना के बाद महाराष्ट्र प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रेन चलने की अफवाह के बाद बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जुटी थी।
ऐसे समय में जबकि सोशल डिस्टैंसिंग की बात की जा रही है, हजारों लोगों का एक जगह इकट्ठा होना डराने वाली घटना है। कहा जा रहा है कि भीड़ के रूप में जुटे ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगार हैं। ये लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें यहां खाने-पीने की समस्या हो रही है इसलिए ये अपने घर जाना चाहते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। बताया जा रहा है कि लोगों में अनिश्चितता है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा ऐसे में लोग घबरा गए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां हजारों की संख्या में मरीज सामने आए हैं। वहीं 200 से ज्यादा लोगों की इस खतरनाक महामारी से मौत हो चुकी है।
सियासत भी शुरू : इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। आदित्य ने ट्वीट कर कहा कि बांद्रा में इकट्ठा हुए लोग अब चले गए हैं, लेकिन यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी।

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